Richa Jain (UK/India) come from India, she immigrated to the UK in 2016 . She is an IT engineer by qualification, a teacher by choice, and a poet by passion. Her work has been published in various magazines and anthologies. Her Hindi poetry collection ‘Richayein’ was selected by The High Commission of India, UK for Dr. Laxmimal Singhvi Publishing Grant Scheme for the year 2018.
English
Hindi
I WILL COME AS A GHOST
I will come as a ghost
The way
little
by
little
I die everyday
Bit
by
bit
a ghost becomes of me
I will be dead before long
I will be complete before long
To walk a ghost
To bend your filthy line of sight by 90 degrees
To reveal the rancid, rotten form of yours
I will come as a ghost
I will not hang from a Peepal[1] tree
or stray in graveyards
I will stand in the Paan-stall[2], right beside you,
And
Redden
My
Lips
I will come as a ghost
At midnight with a candle in my hand,
I will not roam in the wild
I’ll come riding a motorbike
And
When high on your masculinity
You step out of the pub
I will knock you out and
pin you down
Remember, I will come as a ghost
I am sharpening my long nails
To cut the veins of your wrists
which habitually move around
In the wrong directions
in narrow, crowded streets
More frightening than the horror of you
Just for you,
I will come as a ghost
On being ripped from my mother’s womb, do you think I will go away?
Never
I will become a ghost
To make you fear yourself
I will settle in your cum
I will come as a ghost
Do not assume it will take me centuries to become a ghost
And you will get to enjoy your life after making mine hell
It is Darwin’s theory of evolution
Have you heard?
I will evolve; I am evolving
The spine of my psyche is getting straighter now
NOW
My ghost and I are growing together
Look, already!
I am a ghost already
a living breathing wraith
Beware!
[1] As per a Hindu myth, spirits live near Peepal trees.
[2] Street Paan (Betel leaf) stalls are the usual hangout joints for eve teasers and cat callers.
HEAL-IUM
My lungs are full of you
I will blow you out in a balloon
Holding its mouth tight, I’ll tie a firm knot
And will let it go
And you, in it
Your weightlessness will take you up
Higher and higher
Out of my lungs
Out of my brain
Out of my atmosphere
I will be free
To breathe
To fill life back into my lungs
मैं भूत बनकर आऊँगी
सुनो, मैं भूत बनकर आऊँगी
ये जो मैं रोज़ तिल-तिल कर मरती हूँ ना
उससे मैं थोड़ा-थोड़ा भूत बनती हूँ
मुझे यक़ीन है,
मैं जल्द ही पूरा मर जाऊँगी
मैं जल्द ही पूरा बन जाऊँगी
सुनो, मैं भूत बन कर आऊँगी
और तुम्हारी गंदी नज़रों की
रेखाओं को ९० अंश पे झुका कर
तुम्हें तुम्हारा ही गंदा-घिनौना
रूप दिखाऊँगी
ये मत समझना,
कि मैं पीपल में लटकी रहूँगी
या शमशान में भटकती रहूँगी
मैं पान की टपरी में तुम्हारे बाजू में
खड़े होकर अपने होंठ लाल करूँगी
मैं भूत बन कर आऊँगी
मैं रात को १२ बजे मोमबत्ती लिए
वीराने में नहीं भटकूँगी
मैं बाइक पे आऊँगी
और जब तुम अपनी मर्दानगी के
नशे में चूर पब से बाहर निकलोगे
तो ज़ोर की एक लात मारकर
तुम्हें चारों खाने चित्त कर दूँगी
मैं, मैं भूत बन कर आऊँगी
मैं अपने लम्बे नाखूनों की
धार तेज़ कर रही हूँ
तंग गलियों में जब तुम्हारे
हाथ इधर-उधर बढ़ेंगे
तो अपने तेज़ नाख़ूनों से
तुम्हारी कलाई की नस काट दूँगी
तुम्हारा जो ख़ौफ़ है ना,
उससे भी ख़ौफ़नाक भूत बनकर
सिर्फ़ तुम्हारे लिए
मैं भूत बन कर आऊँगी
तुम्हें क्या लगता है,
मुझे गर्भ से गिरवा दिया तो
मैं चली जाऊँगी
नहीं, मैं भूत बन जाऊँगी
तुम्हें तुमसे ही डराने के लिए
तुम्हारे वीर्य में जाकर बस जाऊँगी
मैं भूत बन कर आऊँगी
ये भी मत समझना,
सदियाँ लगेंगीं मुझे भूत बनने में
और मेरी ज़िंदगी नरक बना के
तुम अपनी ज़िंदगी आराम से जी लोगे
‘डारविंस थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन’
तो पता होगा ना
मैं इवॉल्व हो जाऊँगी
मैं इवॉल्व हो रही हूँ
मेरे मानस की रीढ़ भी अब सीधी हो रही है
मैं और मेरा भूत,
अब साथ साथ बढ़ रहे हैं
लो, मैं भूत बन भी गयी
जीता जागता भूत
ख़बरदार…
हील-इयम
तुम भर गए हो मेरे फेफड़ों में
निकाल दूँगी तुम्हें पूरा
एक ग़ुब्बारे में
ग़ुब्बारे के मुँह को ज़ोर से पकड़कर
एक गाँठ लगा दूँगी
और छोड़ दूँगी
तुम्हारा हल्कापन
तुम्हें ऊपर ले जाएगा
ऊपर और ऊपर
मेरे फेफड़ों से बाहर
मेरे मस्तिष्क से बाहर
मेरे वायुमंडल से बाहर
मैं स्वतंत्र हो जाऊँगी
जीवन भर पाऊँगी फिर
ख़ुद में
साँस लेकर इस खुली हवा में
Translated from Hindi to English by the poet