Tithi Dani (India / UK) immigrated to the UK in 2015. She used to work as a journalist in radio, news channel, and newspaper in India. She studied English Literature. I worked as an Indian Chef in one of the Accor Hotel Groups. Her manuscript of the poetry collection 'Prarthnarat Battakhein' was selected and honourned by the Indian High Commission in London under the Publication grant scheme and later it received Vagishwari award in India. Her poems, articles, stories widely published in various reputed literary magazines, newspapers, special issues of magazines.
English
Hindi
HEAVEN ON THE EARTH
Martyr soldiers have landed on the earth.
I am seeing their abode in fully blossomed flowers of magnolias.
Magnolias are exclusive synonyms of the heaven on the earth
And these soldiers knew it very well beforehands.
This perpetual phenomenon of heaven
Can be perceived through all the senses
In the form of persistent and unwavering truth
A lotus in the swamp of lies.
Look carefully at the homes
who have lost their pure hearted kids,
Or who have lost their head of the families,
We get to know
How densely magnolias blossom there
Spreading the beam of happiness,
Reaching amazingly on high branches
Blossoming even on short trees.
Magnolias don't like to blossom wholeheartedly,
Nor spread the light, bliss and vitality
Particularly in front of those homes
Obsessed with impure, selfish, wicked silhouettes.
So they drop their petals gradually
Felicitating those
Who created and laid
The foundation for martyrdom.
WOE- 1
On the carpet of water
Dark blue woe was spread on
In the shape of beautiful arabesque,
Water was gently touched
By the delicate and bottomless breeze,
And …..the breeze is pregnant now.
WOE-2
The woe came closer to me intimately
Embraced me in a way
As if I have no close-bosom friend in my life.
Caressed me gently
As I am a cocky awn fluff of giant angora
It fed me the bread of guiltless love.
My life sap was flowing from the maple tree
By gathering it somehow,
With full sincerity and power,
I transformed it into Kinetic energy
The halo of gratitude to the world of this energy
Is now my eternal subtle, body.
Maple syrup is the blood of my language.
In my hands lies
Unbelievably suppler and softer touch of fine silk,
That touches injury as a turmeric ointment.
Of course.….
My love is far more faithful
Than a dog’s loyalty.
From the bottom of my heart,
Thank you my dear woe….
Oh the breaker of monotonous life!
धरती पर स्वर्ग
शहीद सैनिक धरती पर उतर आए हैं
मैं उनका आशियाना पूरे खिले मेगनोलिया में देख रही हूं
धरती पर स्वर्ग का एकमात्र पर्यायवाची हैं मेगनोलिया
यहां पहुंचने से पहले वे सैनिक बख़ूबी जानते थे यह.
स्वर्ग का यह अहर्निश नज़ारा
दृढ़ और अटल सत्य के रूप में
सभी इंद्रियों के माध्यम से
अनुभव किया जा सकता है
जो झूठ की दलदल में कमल है
उन घरों को ध्यान से देखने पर
जिन्होंने अपने नेक दिल बच्चों को खोया
या फिर खो दिए अपने मुखिया
हमें पता चलता है कि मेग्नोलिया वहां
ख़ुशी की किरण बिखेरते हुए
सघनता में खिले हैं,
बहुत ऊंचाई तक पहुंचे हैं
यहां तक कि बहुत छोटे दरख़्तों पर भी
आश्चर्यजनक रूप से खिले हैं
मेगनोलिया पसंद नहीं करते पूरे मन से खिलना
नहीं फैलाते वे स्वर्गिक सुख, प्रकाश और जीवटता भी
खास तौर पर उन घरों के सामने
जो ग्रस्त हैं नकली, स्वार्थी और
दुष्ट छाया आकृतियों से
इसलिए वे शनैः शनैः अपनी पंखुड़ियां
उनके अभिनंदन में गिराते है
जिन्होंने रची और रखी है
शहादत की नींव
दुख-1
पानी के गलीचे पर बिछा था
गहरा नीला दुख,
सुंदर बेलबूटे के आकार में
पानी को हौले से छेड़ा था
हवा के कोमल और अथाह गहरे स्पर्श ने
और हवा गर्भवती है अब।
दुख- 2
दुख मेरे पास बहुत आत्मीयता से आया
गले तो मुझे ऐसे लगाया
जैसे कोई अंतरंग मित्र नहीं मेरे जीवन में.
सहलाया मुझे हौले से
जैसे मैं बड़े खरगोश की त्वचा का
ख़ुद-एतमाद रोआं हूं
मेरी सहजता में दुख ने मुझे
निश्छल प्रेम की रोटी खिलाई।
जब मेपल वृक्ष से बह रहा था मेरा जीवन रस
पूरी ईमानदारी और ताक़त के संघर्ष से
गतिज ऊर्जा में रूपांतरित किया मैंने उसे,
इस ऊर्जा के विश्व की कृतज्ञता का आभामंडल
अब मेरा शाश्वत सूक्ष्म शरीर है।
मेरी भाषा का रक्त है मेपल सिरप.
मेरे हाथों में रहता है,
अविश्वसनीयता भरा सुनम्य और मुलायम महीन रेशम का स्पर्श
जो चोट को हल्दी के लेप सा छूता है
बेशक....
कहीं ज़्यादा वफ़ादार है मेरा प्रेम
कुत्ते की वफ़ादारी से।
दिल की गहराइयों से शुक्रिया तुम्हें
मेरे प्यारे दुख.....
ओ जीवन की एकरसता तोड़ने वाले!